Tuesday, April 13, 2010

' रुचि के अनुसार करेँ कैरियर का चुनावः '

मैट्रिक बोर्ड और इँटर के ईगजाम्स समाप्त हो चुके हैँ. विधार्थियोँ को बेसर्बी से ईँतजार है उनके रिजल्ट का. उन्हेँ इस बात कि भी चिँता है कि आगे कौन सा विषय लेकर पढाई करें, किस फिल्ड मेँ कैरियर बनाऐँ? इसके लिए उन्हेँ सही मार्गदर्शन कि आवश्यक्ता होती है. बहुत सारे स्टूडेँट्स सही मार्गदर्शन के अभाव मेँ पथभ्रमित हो जाते हैँ. इस महत्वपूर्ण समय मेँ स्टूडेँट्स को दूसरोँ कि बातोँ तथा किसी दूसरे कि तुलना करने से अच्छा है कि वे अपनी रुची विशेष का ख्याल रखेँ. क्योकिँ सभी स्टूडेंट्स के टैलेन्ट्स तथा किसी विषय मेँ निपुण्ता एक सी नहीँ होती हैँ. प्रत्येक स्टूडेँट्स किसी विशेष फिल्ड् मेँ ज्यादा इंटरेस्टेड रहता है. उन्हेँ उसी के अनुरुप अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए. इस समय बच्चोँ के पैरेँट्स को उन पर पुरा समय देना चाहिए. इस बात पर उन्हेँ ध्यान देना चाहिए कि यदि स्टूडेंट्स मेँ आत्मविश्वास है तथा उचित मार्गदर्शन मेँ लगन के साथ पढाई करेँ तो अपनेँ रुचि वाले किसी भी फिल्ड् मेँ अच्छा कर सकते हैँ. कभी कभी देखा जाता है कि बच्चेँ यदि आर्ट्स विषय पढना चाहते हैँ तथा वे उसमेँ अच्छा कर सकते हैँ लेकिन पैरेंट्स के दबाव मेँ साइंस पढते हैँ, नतीजन वे असफल साबित होते है. ऐसी ही कुछ परिस्थितियोँ से बचने हेतु यह अनिवार्य है कि सोच समझकर ही रुचि के अनुसार कैरियर का चुनाव करेँ . फिर तो स्टूडेँट्स कि परिश्रम और एकाग्रता जरुर रंग लाएगी.

Dowry an evil

दिन प्रतिदिन सुनने मे आ रहा है दहेज के लिये नवविवाहिता कि हत्या कर दी गई. आखिर कितना बदल गया इंसान, जानवर कि तरह रुपये और दौलत से इंसानियत खरिदा और बेचा जा रहा है. अक्सर हम भुल जाते है कि अगर हमारा समाज इसी तरह दहेज के लिये नवविवाहिता को यातना देता रहे, लड़्की के जन्म पर उसे बोझ समझे तो वो दिन दूर नहि जब लड़्को के शादि के लिये लड़्की मिलेंगे ही नहीं. शादी मे बिना मांगे जो उपहार या रुप्या लड़्की के घर वाले लड़्के को देते है वो ज्यादा सुखद होता है फिर भी हम अपने झुठे प्रतिष्ठा के लिये और लालच मे इस समाजिक बुराई को बढ़ावा देते है. आज जरुरत है समाज मे आगे आकर इस बुराई को मिटाने का प्रयास किया जाये. इसके लिये हमसब को इस गंभीर समस्या पे विचार करना होगा तथा अपने समाज, सरकार और समाचार पत्र के माध्यम से दहेज प्रथा को पुरी तरह से बंद करना होगा, तभी हम फिर से नारी शक्ति को पह्चान पायेंगे.