हमारे समाज में स्त्री शक्ति का हमेशा पुजा होता है। दुर्गा पुजा , सरस्वती पुजा या लक्षमी पुजा इन सभी रुप मे हम स्त्री शक्ति का हि तो पुजा करते है। हम सब जानते है कि सीता के बिना राम, राधा के बिना श्याम और पार्वती के बिना शिव शक्ति भी अधुरे है। हमारे धर्म ग्रंथ भी तो यही कहानी दुहराते है।
हर सफल पुरुष के पीछे किसी स्त्री का हाथ होता है। कोई भी इंसान अपने जीवन में यूं ही सफल नहीं हो जाता। सफलता की कहानी बहुत लंबी और मुश्किलों से भरी होती है। जीवन के हर मोड पर आने वाली मुश्किलों को आसान करने के लिए प्रकृति ने स्त्री की रचना की। वह मां बन कर उसे अपने आंचल की छांव तले बारिश और धूप से बचाती है। इंसान पहली बार मां की उंगली थामकर ही चलना सीखता है। चलते हुए जब भी गिरता है, मां आगे बढकर उसे थाम लेती है। इसके बाद जब वह युवावस्था में प्रवेश करता है तो उसकी पत्नी जीवन के सफर में न केवल उसकी हमकदम बन कर साथ चलती है, बल्कि उसे जिंदगी जीने का तरीका भी सिखाती है।
sundar prastuti
ReplyDeletevery good.
ReplyDeleteI AM PROUD OF ALL OF YOU DEAR OMPRAKASHJI, GUPTAJI,GAURAVJI,MRIDULAJI,VERMAJI.
ReplyDeletePLEASE CONTINUE YOUR SUPPORT SERVICES TO RESPECTABLE WOMEN.
WITH WARM WISHES AND REGARDS TO ALL OF YOU/PANDEY